कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ काशी में जाके विराजे देखो तीनो लोक के स्वामी मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी । नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, https://onmloe30406.gigswiki.com/5193295/shiv_chalisa_in_hindi_options